साहब लोगों की कुर्सी नहीं छूटती! आवेदन मिलने के बाद भी नहीं बना चापाकल,क्योंकि साहब की कुर्सी नहीं छूटी…

जमुआ के कारीचट्टान गांव में पिछले एक वर्ष से आठ में चार चापाकल खराब, विभाग बना मुकदर्शक

ग्रामीणों ने कहा कि चार दिनों के अंदर नहीं बना चापाकल, तो होगा उग्र आंदोलन

कई बार विभाग को लिखित आवेदन देने के बावजूद नहीं हुआ कार्य, विभाग थेथर

ग्रामीण पानी के लिए कर रहे हाहाकार

शुभम सौरभ 

 गिरिडीह,विशेष प्रतिनिधि। जिले के जमुआ प्रखंड में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की उदासीनता का खामीयाज़ा यहाँ की जनता को भुक्तना पड़ रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रखंड क्षेत्र के बलगो पंचायत के कारीचट्टान गांव जहां की आबादी लगभग दो हज़ार की है और पेयजल के लिए के लिए मात्र आठ चापाकल है, जिसमे पिछले एक वर्षों से चार चापाकल खराब पड़ा है,जिससे आम अवाम को पेजयल के लिए आधे किलो मीटर दूर जाकर दूसरे के घरों के निकट लगे चापाकल से पीने का पानी लाने को मजबूर है। वहीं नहाने एवं कपड़ा धोने हेतु बगल में मनरेगा से बने सिचाई कूप का सहारा लेना पड़ रहा है।

क्या कहते हैं गांव के ग्रामीण

गुरुवार को वट सावित्री पूजा के दिन गांव की महिलाओं को स्नान करने के लिए भारी फजीहत का सामना करना पड़ा। उक्त गांव की महिला कविता देवी, गुड़िया देवी,मीना देवी,बसंती देवी कंचन देवी,जागेश्वर राम,संदीप कुमार, रोहन राम,विनोद राम, बालेश्वर राम,मोहन राम,नुनु राम,नकुल राम,कोल्हा राम,बहादुर राम सहित दर्जनों महिला एवं पुरुष ने एक स्वर में कहा कि अगर चार दिनों के अंदर मेरे गांव में खराब पड़े चारो चापाकल नही बनाया गया तो हमलोग उग्र आंदोलन कर पीएचईडी कार्यालय का घेराव करेंगे। महिलाओं ने कहा कि कल वट सावित्री पूजा के दिन पानी के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

क्या कहते हैं वार्ड सदस्य प्रतिनिधि

इधर वार्ड सदस्य प्रतिनिधि जागेश्वर राम ने बताया कि संबंधित विभाग को हमने दर्जनो बार लिखित एवं मौखिक कह कर उक्त सभी चापाकल बनवाने का आग्रह किया लेकिन विभाग मेरे आवेदन पर आज तक विचार नहीं किया। कहा कि हमलोग प्राइवेट मिस्त्री को भी बुला कर बनवाने की कोशिश किये लेकिन उतना खर्च वाहन नहीं कर पाने के कारण नही बना पाए।

क्या कहते हैं मुखिया प्रतिनिधि*

इधर मुखिया प्रतिनिधि रोहित दास ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा तो संबंधित विभाग को आवेदन दिया ही गया,उसके बावजूद मेरे द्वारा भी अपने लेटरपेड पर पिछले पांच मार्च एवं 12 अप्रैल 2024 को दिया गया बावजूद अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं किया गया जो खेद की बात है।

क्या कहते हैं कनिय अभियंता

 इधर विभाग के कनिय अभियंता चंदन कुमार दास ने कहा कि मेरे संज्ञान में नही है अभी हम नए नए आये है वैसे इस दो दिनों के अंदर सभी खराब पड़े चापाकल बनवा दिया जाएगा। कहा कि इसमे संबंधित संवेदक की लापरवाही है।

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